सेना प्रमुख के बयान पर मचा घमासान, राजनैतिक बातें करने का आरोप
नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने असम में उत्तर पूर्व पर आधारित डीआरडीओ के द्वारा आयोजित सेमीनार में कहा कि राज्य में बीजेपी के मुकाबले मौलाना बदरुद्दीन अजमल की पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) का विस्तार तेजी से हुआ है।
सेना प्रमुख के इस बयान पर राजनैतिक घमासान तेज हो गया है। एआईयूडीएफ नेता मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने सेना प्रमुख के बयान पर हैरानी जताई है। बदरुद्दीन ने सेना प्रमुख के बयान को चौंका देने वाला बताया है।
मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने ट्वीट कर कहा- ”जनरल बिपिन रावत ने एक राजनीतिक बयान दिया है, यह चौंका देना वाला है। लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर आधारित एक पार्टी बीजेपी के मुकाबले तेजी से बढ़ रही है, इसका सेना प्रमुख से क्या संबंध है? वैकल्पिक पार्टियां एआईयूडीएफ, आप बढ़ रही हैं क्योंकि बड़ी पार्टियां गलत व्यवहार कर रही हैं।”
वहीँ सेना प्रमुख के बयान पर आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि उन्हें राजनीतिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए और ऐसा बयान देना उनका काम नहीं है। ओवैसी ने ट्वीट कर यह बात कही।
ओवैसी ने ट्वीट में लिखा- ”क्या, सेना प्रमुख को राजनीतिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए, पार्टी के बढ़ने पर उनका काम बयान देने का नहीं है। लोकतंत्र और संविधान यह लागू करता है कि सेना हमेशा चुने गए नागरिक नेतृत्व के अंतर्गत काम करेगी।”
वहीँ सेना प्रमुख के बयान पर सेना की तरफ से स्पष्टीकरण दिया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक सेना ने गुरुवार को कहा- ”वहां कुछ भी राजनीतिक या धार्मिक बात नहीं की गई। सेना प्रमुख ने उत्तर पूर्व पर आधारित सेमीनार में एकीकरण और विकास को लेकर बात की, जिसे डीआरडीओ भवन ने 21 फरवरी को आयोजित किया था।”