सुप्रीमकोर्ट के फैसले पर आज़म बोले ‘किसी पार्टी का बहुमत होने से धर्म नहीं बदला जा सकता’

सुप्रीमकोर्ट के फैसले पर आज़म बोले ‘किसी पार्टी का बहुमत होने से धर्म नहीं बदला जा सकता’

लखनऊ। तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले पर तमाम राजनैतिक दलों ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान ने कहा कि न्यायपालिका के फैसले का सम्मान करना चाहिए लेकिन किसी पार्टी का बहुमत होने से धर्म को नहीं बदला जा सकता, अगर वो ऐसा करते हैं तो गलत होगा।

उन्होंने कहा कि उनको उम्मीद है कि पार्लियामेंट मुसलमानों के धर्म, आस्था और उलेमाओं की राय का ख्याल रखते हुए कानून बनाएगी। किसी पार्टी का बहुमत होने से किसी का मजहब नहीं बदल जाता। कोई राजनीतिक दल हिंदू या इस्लाम धर्म में तब्दीली नहीं कर सकता।

आजम खान ने कहा कि धर्म और धार्मिक आस्थाओं में किसी राजनीतिक दल का रोल नहीं होना चाहिए, अगर ऐसा होता है तो यह गलत होगा और यह तरीका सही नहीं होगा।

बता दें कि तीन तलाक पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक के चलन को 6 महीने के लिए रद्द कर दिया है। साथ ही केंद्र सरकार को 6महीने में कानून बनाने के लिए भी कहा है। इस मामले पर पांच जजों की बेंच ने सुनवाई की थी। जिसका नेतृत्व जस्टिस जेएस खेहर ने किया, जिन्होंने इस केस में 18 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख दिया था। इस केस की सुनवाई 11 मई को शुरु हुई थी।

सुप्रीमकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि यह एक विचार करने का मुद्दा है कि मुसलमानों में ट्रिपल तलाक जानबूझकर किया जाने वाला मौलिक अधिकार का अभ्यास है, न कि बहुविवाह बनाए जाने वाले अभ्यास का।आज हुई सुनवाई जेएस खेहर समेत जस्टिस कुरिएन जोसेफ, आरएफ नतीमन, यूयू ललित और एस अब्दुल नज़ीर ने की।

 

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