संकट में बीजेपी. गुजरात में करो या मरो की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस

नई दिल्ली: गुजरात में होने जा रहे विधानसभा चुनावो में इस बार पहले चुनावो की तरह एकतरफा माहौल नही है. इस बार कांग्रेस की रणनीति से बीजेपी बुरी तरह ज़ख़्मी हुई है . और अब वह मीडिया के चुनाव पूर्व सर्वे से हवा बनाने की कोशिशो में जुटी है.
बीजेपी जिस गुजरात मॉडल का पिछले दस वर्षो से देशभर में ढिंढोरा पीट रही थी वह विकास मॉडल अब जनता के बीच कारगर होता नही दिख रहा. वहीँ कांग्रेस ने इस बार जिस तरह से चुनाव से पहले अपनी पकड बनायीं है उसे देखकर साफ़ होता है कि गुजरात में मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग कहीं न कहीं बहुत नाराज़ है.
जीएसटी और नोट बंदी का मामला छोड़ भी दिया जाए तब भी बीजेपी के पास कोई ऐसा मुद्दा नही जिसे वह जनता के सामने ले जाकर वोट मांग सके. 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने जो वादे किये थे वे आज केंद्र में मोदी सरकार के साढ़े तीन साल होने के बाद भी पूरे नही हुए हैं.
सूत्रो की माने तो चुनावो का एलान होने के बाद बीजेपी अपने पुराने कट्टर हिंदुत्व एजेंडे को फॉलो करने का मन बना रही है. यही कारण है कि गुजरात में हिंदुत्व का मुद्दा कितना कारगर साबित हो सकता है यह जानने के लिए ही पार्टी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गुजरात भेजा था. लेकिन योगी आदित्यनाथ के फ्लॉप रोड शो की रिपोर्ट से बीजेपी को बड़ा धक्का पहुंचा है.
वहीँ कांग्रेस ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवानी और ओबीसी नेता अल्पेश पटेल को साध कर एक बड़ी सफलता हासिल की है.
गुजरात में करीब 40% ओबीसी, 12% पटेल और 7% दलित मतदाता है. जिनकी कुल तादाद 59% होती है. पिछले चुनावो पर नज़र डाली जाए तो ओबीसी और पटेल मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा बीजेपी को मिलता रहा है. जो इस बार उससे कांग्रेस छीन सकती है.
दूसरी तरफ जीएसटी और नोटबंदी को लेकर गुजरात का मध्यम और छोटे कारोबारी वर्ग का बीजेपी से मोह भंग हो चुका है. ज़मीनी हकीकत बताती है कि मध्यम और छोटे कारोबारी बीजेपी से दूरी बना चुके हैं. वहीँ अमित शाह के बेटे जय शाह मामले और पाटीदार नेताओं की खरीद फरोख्त का खुलासा होने के बाद बीजेपी की और अधिक किरकिरी हुई है.
बीजेपी के लिए सबसे बड़ी मुश्किल तब पैदा हुई जब पिछले दिनों वड़ोदरा में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के रोड शो में पहले जैसी भीड़ नही उमड़ी और रोड शो फीका रहा. पीएम मोदी के रोड शो में पब्लिक का दिलचस्पी न दिखाना इस बात के बड़े संकेत हैं कि गुजरात में बीजेपी का जादू अब ढलान पर है. वहीँ दूसरी तरफ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सभाओं में भीड़ उमड़ना बीजेपी के लिए किसी बड़ी चिंता से कम नही है.
कांग्रेस ने तीन नए चेहरों हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवानी पर बड़ा दांव खेला है. ये तीनो चेहरे अपने अपने समुदाय में अच्छी पैंठ रखते हैं. साफ़ छवि और ज़मीनी रूप से जनता के साथ जुडाव के कारण बीजेपी को बड़ी चोट दे सकते हैं.
कांग्रेस अपनी रणनीति के तहत दक्षिण गुजरात, सौराष्ट्र, कच्छ और मध्य गुजरात पर अधिक फोकस कर रही है. इस बार चुनाव में बीजेपी के लिए 87 सीटें ऐसी हैं जहाँ इन सीटों पर बीजेपी को कांग्रेस से बड़ी चुनौती मिलेगी. यदि बीजेपी का प्रदर्शन इन सीटो पर अच्छा नही रहा तो उसका सत्ता से बाहर होना तय है,
इन 87 सीटों में सौराष्ट्र की 48, कच्छ की 10 विधानसभा सीटें और दक्षिण गुजरात की 29सीटें शामिल हैं. इनमे से सौराष्ट्र की अधिकांश सीटें ऐसी हैं जहाँ पाटीदार पटेल समुदाय के मतदाता हार जीत को प्रभावित करते हैं.
वहीँ दक्षिण गुजरात की कम से कम 20 सीटें ऐसी हैं जिस पर पाटीदार पटेल के अलावा दलित, पिछड़ा फेक्टर भी बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है.
बता दें कि गुजरात में बीजेपी ने वर्ष 2002 में 127 सीटें, साल 2007 में 117 सीटें और साल 2012 में 116 सीटें जीती थीं. पिछले विधानसभा चुनाव में सौराष्ट्र की 58 सीटों में बीजेपी को 35, कांग्रेस को 16 और जीपीपी को दो सीटें मिलीं थीं।
वहीँ दक्षिण गुजरात की 35 सीटों में बीजेपी को 28 सीटों पर जीत हासिल हुई थी तथा मध्य और उत्तर गुजरात की 93 सीटों में से 53 सीटों पर बीजेपी ने विजय हासिल की लेकिन इस बार इस इलाके को फतह करना बीजेपी के लिए इतना आसान नही होगा.
जानकारों की माने तो पिछले चुनावो में बीजेपी जिन मुद्दों पर कांग्रेस को घेरती आई है इस बार वह स्वयं उन्ही मुद्दों पर कटघरे में खड़ी है. महंगाई, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार और देश की सुरक्षा से जुड़े सवालो पर इस बार कांग्रेस बीजेपी को घेर रही है.
जानकारों के अनुसार बीजेपी के पास पुराने मुद्दों में सिर्फ एक कट्टर हिंदुत्व का मुद्दा ही बचा है, जिसे वह अंतिम हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकती है. लेकिन क्या गुजरात की जनता कट्टर हिंदुत्व को स्वीकार करेगी और क्या बीजेपी कट्टर हिंदुत्व को फिर से जनता के बीच भुना पाएगी ? यह आने वाले कुछ दिनों में साफ़ हो जायेगा.