राहुल के सवालो का जबाव बीजेपी के मर्दो के पास क्यों नहीं है ?

राहुल के सवालो का जबाव बीजेपी के मर्दो के पास क्यों नहीं है ?

नई दिल्ली। सवाल राहुल करते हैं, जबाव स्मृति ईरानी देती हैं, यह एक बार नहीं हुआ हर बार का किस्सा है। मामला सिर्फ गुजरात के चुनावी अभियान का नहीं बल्कि कई ऐसे मौके आये जब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने कोई सवाल दागा तो उसका जबाव देने बीजेपी की कोई महिला नेत्री या महिला मंत्री आगे आ गयीं। क्या यह मान लिया जाए कि राहुल गांधी के सवालो के जबाव बीजेपी में मर्दो के पास नहीं हैं ?

अभी हाल ही में टाइम्स नाउ चैनल को दिए एक इंटरव्यू में स्मृति ईरानी कहा था, ‘राहुल गांधी की सतर्क निगरानी के तहत भी आपके पास कई राज्यों से ऐसी कांग्रेसी महिलाओं के उदाहरण हैं जिन्होंने खुद ये बात कही है एक टिकट के लिए उनका यौन शोषण हुआ है। ये आरोप कांग्रेसी महिलाओं ने ही लगाए हैं और मुझे नहीं लगता कि इनमें अपनी कोई प्रतिक्रिया दी।

स्मृति ईरानी इससे पहले भी कई बार ओछी टिप्पणियां कर चुकी हैं। सम्भवतः यह बीजेपी की रणनीति का हिस्सा ही है कि यदि सरकार और पार्टी को लेकर कोई कांग्रेस नेता खासकर यदि राहुल गाँधी सवाल करें तो उसके जबाव के लिए किसी महिला नेत्री या महिला मंत्री को आगे कर दिया जाए।

यही कारण है कि एक दो बार नहीं बल्कि अनेक बार ऐसे मौके बने जब भी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने कोई सवाल दागा तो उसका जबाव बीजेपी के किसी आदमी ने नहीं दिया बल्कि किसी महिला नेत्री खासकर स्मृति ईरानी ने जबाव दिया और वह भी ऊल जलूल। जबाव पढ़कर ऐसा लगा ही नहीं कि कोई ज़िम्मेदार मंत्री या नेता मर्यादा में रहकर जबाव दे रहा है बल्कि ऐसा लगा जैसे ट्विटर पर आम लोग एक दूसरे को ट्रोल करने के लिए जिस तरीके का इस्तेमाल करते हैं ठीक वही तरीका इस्तेमाल किया जा रहा है।

हाल ही में ट्विटर पर कुछ सवाल जबाव के दौरान स्मृति ईरानी ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया वह किसी मंत्री की भाषा नहीं लगती। हो सकता है बीजेपी ऐसा करके यह जाताना चाहती हो कि वह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी को गंभीरता से नहीं लेती लेकिन बड़ा सवाल मर्यादा का भी है। एक मंत्री या एक सांसद किस तरह की भाषा का इस्तेमाल करे ये तब बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है जब ये सवाल जबाव किसी पब्लिक प्लेटफोर्म पर हो रहे हो।

 

TeamDigital