राम रहीम को आतंकी घोषित कर कार्यवाही करे सरकार: जुनेद क़ाज़ी

न्यूयॉर्क। इंडियन नेशनल ओवरसीज कांग्रेस (यूएसए) के पूर्व अध्यक्ष जुनेद क़ाज़ी ने सीबीआई कोर्ट द्वारा रेप के मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद भड़की हिंसा के लिए केंद्र और हरियाणा की बीजेपी सरकारों को ज़िम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि आस्था के नाम पर कोई व्यक्ति इतना ताकतवर कैसे बन गया कि उसके समर्थको ने दो राज्यों की कानून व्यवस्था को हिला कर रख दिया है।
जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि आस्था के नाम पर आरएसएस पहले ही लोगों को गुमराह कर रहा है। जिसके चलते कई राज्यों में गौ ह्त्या के नाम पर भीड़ द्वारा निर्दोष लोगों पर सुनियोजित हमले हुए हैं। उन्होंने कहा कि 60 वर्षो का नाम लेकर कांग्रेस को कोसने वाले ये भी माने पिछले 60 वर्षो के बाद यह पहला मौका है जब एक बाबा सरकार को अपनी ताकत दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह राम रहीम को तुरंत आतंकवादी घोषित कर आगे की कार्यवाही शुरू करे।
आईएनओसी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा शासित राज्यों की सरकारें सिर्फ धार्मिकता को बढ़ावा देने में लगीं हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी और उसकी सरकार में शामिल मंत्रियों का ध्यान सिर्फ मुसलमानो और दलितों को घेरने में लगा है।
जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि मोदी सरकार ने जितनी रूचि तीन तलाक के मामले में दिखाई यदि उसकी आधी रूचि आस्था के नाम पर चल रहे आतंक के कैम्पो पर लगायी होती तो आज राम रहीम मामले में भड़की हिंसा में 32 निर्दोष लोग नहीं मारे जाते।
जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मस्तिष्क ज्वर से बच्चो की मौत हो रही है, कई राज्यों में बाढ़ से लोग बेघर हो गए हैं, बाढ़ के पानी में बह जाने से सैकड़ो लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन केंद्र सरकार का इन सब रूचि न होकर तीन तलाक में ज़्यादा रूचि है।
जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि आस्था के नाम पर चल रहे आतंक के कैम्पो को तुरंत नष्ट किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह राम रहीम जैसे अन्य लोगों के ठिकानों को तलाशे और उन पर तुरंत कार्यवाही करे। उन्होंने कहा कि सरकार संस्कृति की दुहाई देती है लेकिन ऐसी घटनाओं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि कलंकित होती है।