बढ़ सकती हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानन्द की मुश्किलें, सुप्रींमकोर्ट में छात्रा ने बताई आपबीती
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद मामले में आज उस वक़्त नया मोड़ आ गया जब शिकायतकर्ता छात्रा ने सुप्रीमकोर्ट में पेश होकर अपनी आपबीती कोर्ट को बताई।
चिन्मयानंद के खिलाफ यौनशोषण के आरोप लगाने वाली छात्रा के लापता होने की खबरों के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने शुक्रवार को छात्रा को लेकर सुप्रीमकोर्ट पहुंची थी।
पीड़ित छात्रा ने कोर्ट को बताया कि वह उत्तर प्रदेश वापस नहीं जाना चाहती और जब तक उसके माता पिता दिल्ली न आ जाएँ वह यहीं रहना चाहती है। इस पर कोर्ट ने पुलिस आयुक्त दिल्ली को निर्देशित किया कि वे छात्रा के माता-पिता को उससे मिलने आने के लिए आरामदायक यात्रा के लिए पुलिस की एक टीम भेजें।
इतना ही नहीं सुप्रीमकोर्ट ने छात्रा के माता पिता की सुरक्षा निश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए कि दिल्ली पुलिस की टीम शाहजहांपुर जाकर मां-बाप को लेकर आए।
कोर्ट ने इस मामले में आगे कहा कि जब तक छात्रा के माता पिता दिल्ली नहीं पहुँच जाते तब तक लड़की से कोई नहीं मिलेगा। कोर्ट ने कहा कि मां-बाप से मिलने के बाद हम दो दिन बाद मामले की दोबारा सुनवाई करेंगे।
इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने छात्रा को राजस्थान से बरामद किया। न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने उत्तर प्रदेश पुलिस को निर्देश दिया था कि छात्रा को शुक्रवार को ही कोर्ट में पेश किया जाए।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा छात्रा को राजस्थान से बरामद किये जाने के बाद यूपी पुलिस उसे लेकर शाहजहांपुर जा रही थी। इस बात की जानकारी यूपी सरकार के अधिवक्ता ने पीठ को दी। पीठ को बताया गया कि यूपी पुलिस छात्रा को लेकर फतेहपुर सीकरी तक पहुँच चुकी है। इस पर पीठ ने कहा कि फतेहपुर सीकरी से ढाई घंटे में दिल्ली भी लाया जा सकता है। इसलिए छात्रा को आज ही कोर्ट में पेश किया जाए।
क्या है मामला:
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली और कानून की छात्रा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड कर बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। वीडियो में छात्रा ने अपने और अपने परिवार को जान का खतरा होने की बात भी कही थी। वीडियो वायरल होने के बाद शाहजहांपुर पुलिस ने संज्ञान लेते हुए मंगलवार को चिन्मयानंद के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
इस वीडियो के प्रकाश में आने के बाद वकीलों के एक समूह द्वारा इस घटना के बारे में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को पत्र लिखा था। इस पत्र पर संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को छात्रा को कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए थे।