बीजेपी के धार्मिक कार्ड की यूँ काट करेगी कांग्रेस, नेताओं को दिए गए निर्देश

बीजेपी के धार्मिक कार्ड की यूँ काट करेगी कांग्रेस, नेताओं को दिए गए निर्देश

नई दिल्ली। गुजरात में बीजेपी पर अपनी पकड़ मज़बूत करने वाली कांग्रेस को पीछे धकेलने के लिए बीजेपी अपने परम्परागत तरीके पर उतर आयी है। गुजरात एटीएस द्वारा गिरफ्तार किये गए दो संदिग्धों को कांग्रेस नेता अहमद पटेल से जोड़ने की कोशिश कर बीजेपी ने इस बात के संकेत दे दिए हैं कि वह अंततः धर्मिक कार्ड को आगे करेगी।

पिछले चुनावो में भी बीजेपी यही करती आयी है। यहाँ तक कि 2012 के चुनाव में बीजेपी ने हिन्दू मतों के ध्रुवीकरण के लिए कांग्रेस नेता अहमद पटेल को कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री बनाये जाने की बात उछाली थी।

स्वयं तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सभा में कहा कि यदि कांग्रेस जीत गयी तो अहमद भाई मुख्यमंत्री बनेंगे। तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधा सन्देश हिन्दू मतों के ध्रुवीकरण के लिए दिया जिसका बीजेपी को फायदा मिला।

इन चुनावो में भी बीजेपी ने उसी हथियार का इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस नेता अहमद पटेल को एक बार फिर निशाना बनाया है। एटीएस द्वारा दो संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी ने जिस तरह कांग्रेस नेता अहमद पटेल का नाम उछाला उससे कांग्रेस को डिफेंसिव मोड में आना पड़ा। अहमद पटेल पर आरोप जड़ते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री से लेकर तमाम बीजेपी प्रवक्ताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मुद्दे को हवा दे दी।

वहीँ अब कांग्रेस समझ चुकी है कि हिंदुत्व का कार्ड खेलकर बीजेपी हिन्दू मुस्लिम मतदाताओं को अलग अलग करने की अपनी पुरानी रणनीति का कभी भी इस्तेमाल कर सकती है। इसलिए अब पहले से चौकन्नी हो चुकी कांग्रेस ने अपने नेताओं को निर्देश दिए हैं कि वे बेकार की बयानबाज़ियों से दूर रहें।

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार कल पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा कश्मीर पर दिए गए बयान से पार्टी ने खुद को अलग इसीलिए कर लिया ताकि बीजेपी चिदंबरम के बयान को तोड़ मरोड़ कर प्रसारित न करे।

सूत्रों ने कहा कि स्वयं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सभी सीनियर नेताओं, प्रवक्ताओं और गुजरात कांग्रेस से जुड़े नेताओं को धार्मिक मामलो से दूर रहने और नापतोल कर बयान देने का आग्रह किया है।

सूत्रों ने कहा कि बीजेपी कांग्रेस नेता अहमद पटेल को निशाना बनाकर धार्मिक लाभ न ले सके इसलिए अहमद पटेल अब परदे के पीछे से ही काम करेंगे। इतना ही नहीं गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान अहमद पटेल सभाओं में भी मंच पर मौजूद नहीं रहेंगे। इतना ही नहीं आमतौर पर संघ पर हमले करने वाले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी संघ के खिलाफ बयान देने से बच रहे हैं।

सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस के रणनीतिकार अब मानने लगे हैं गुजरात में बीजेपी की हालत अच्छी नहीं होने के कारण बीजेपी चुनाव पर अपनी पकड़ बनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। इसलिए कांग्रेस नेताओं को बड़े संयम से फूँक फूँक कर कदम रखना होगा।

कांग्रेस के रणनीतिकार मानते हैं कि गुजरात में बीजेपी को हराने के लिए जीएसटी, नोटबंदी, बेरोज़गारी जैसे मुद्दे पर्याप्त हैं बशर्ते कि बीजेपी हार्डकोर हिंदुत्व का इस्तेमाल न करे लेकिन यदि बीजेपी चुनाव में हार्डकोर हिंदुत्व का इस्तेमाल करती है तो भी कांग्रेस को अपनी रणनीति पर बने रहना है।

वहीँ जानकारों की माने तो इस बार गुजरात बीजेपी के हाथ से निकल चूका है। इसलिए गुजरात को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना चुकी बीजेपी चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में किसी भी मुद्दे को जन्म दे सकती है।

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TeamDigital