बच्चा चोरी की अफवाह फैलाकर हुई हत्याओं में हिंदूवादी संगठनों की संलिप्तता की हो निष्पक्ष जांच

लखनऊ। रिहाई मंच ने झारखंड के जमशेदपुर जनपद के राजनगर गांव में बच्चा चोरी की अफवाह फैलाकर भीड़ द्वारा चार मुस्लिम युवकों नईम शेख, सज्जाद, सिराज और हलीम की 18 मई को की गई हत्या व इससे पूर्व 10 मई को जमशेदपुर के ही नागाडी में विकास वर्मा, गौतम वर्मा और गंगेश कुमार की हत्या को सुनियोजित साज़िश बताते हुए कहा कि रघुवर सरकार ने प्रदेश में अपने राजनीतिक विरोधियों और अल्पसंख्यकों पर गो हत्या के तर्ज पर बच्चा चोरी का आरोप लगा कर गुंडों को मारपीट और हत्याएं करने की खुली छूट दे रखी है।

रिहाई मंच द्वारा जारी प्रेस विज्ञिप्ति में मंच नेता मसीहुद्दीन संजरी ने कहा कि राजनगर में नईम की हत्या के बाद करीब पांच घंटे तक भीड़ बेलगाम घूमती रही और इस बीच मौके पर पहुंची पुलिस पर भी उसने हमला किया और पीड़ितों की कार व थानाध्यक्ष की सरकारी जीप को जला दिया। इतना सब कुछ घटित हो जाने के बावजूद पुलिस प्रशासन द्वारा सज्जाद, सिराज और हलीम को बचाने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल नहीं भेजा गया जिसके नतीजे में भीड़ ने उन तीनों की भी हत्या कर दी।

उन्होंने कहा कि पुलिस के पास सज्जाद, सिराज और हलीम को बचाने के लिए पर्याप्त समय था लेकिन वह निष्क्रिय रही। इससे संदेह होता है कि रघुवर सरकार अघोषित नीति के तहत गो गुंडों की तर्ज पर भीड़ का इस्तेमाल कर अपने राजनीतिक विरोधियों और अल्पसंख्यों को आतंकित करना चाहती है।

रिहाई मंच लखनऊ प्रवक्ता अनिल यादव ने कहा कि आमतौर पुलिस पर हमला होने के बाद उसके तेवर सख्त हो जाते हैं और वह त्वरित और कठोर कारवाई करती है लेकिन इन हत्याओं के बाद पुलिस पार्टी पर हमला कर पांच पुलिस कर्मियों को घायल कर देने और सरकारी जीप के जला दिए जाने के बावजूद पुलिस की कारवाई में कोई तेजी देखने को नही मिली। उन्होंने कहा कि झारखंड पुलिस रघुवर सरकार के दवाब में कोई कठारे कारवाई कर पाने में नाकाम रही है।

रिहाई मंच प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि देश में भीड़ द्वारा कानून अपने हाथ में लेकर और हत्या, लूटमार करने की घटनाओं को अंजाम देने वाले गैर सरकारी तत्वों पर काबू पाने और उन्हें कानून के दायरे में लाने के बजाए सरकार उन्हें प्रोत्साहित कर रही है।

उन्होंने कहा बच्चा चोरी की एक भी शिकायत न दर्ज होने के बावजूद इतने बड़े पैामने पर अफवाह फैलाकर की जाने वाली मारपीट एंव हत्याओं के मामले की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच मांग करते हुए दोषियों को अविलम्ब गिरफ्तार किया जाए और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

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