पीएम मोदी के प्रधान सचिव से नहीं मिले चीफ जस्टिस

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को घेरे जाने के बाद अब ‘डैमेज कंट्रोल’ की कोशिशें होती दिख रही हैं।
शनिवार सुबह पीएम नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा से मुलाकात का प्रयास किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों की मुलाकात नहीं हो सकी।
इस बीच कांग्रेस ने इस मामले में सवाल उठाते हुए पीएम मोदी से सफाई मांगी है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसी बाबत एक ट्वीट किया। उन्होंने इसके जरिए पूछा, “पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्रा सीजेआई के आवास 5 कृष्णा मेनन मार्ग पर मिलने आए थे। पीएम को इस पर जवाब देना चाहिए कि आखिर उन्होंने मिश्रा को क्यों भेजा था।”
Principal Secretary to PM, Nripendra Misra, seen outside Chief Justice of India Dipak Misra’s residence in Delhi. pic.twitter.com/5C2PVvO36T
— ANI (@ANI) January 13, 2018
बता दें कि प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने इस बारे में एक चैनल से बात की। उन्होंने कहा कि उनकी मुलाकात सीजेआई से नहीं हुई। वहीँ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सीजेआई ने अन्य विवाद होने की आशंका के चलते उनसे मिलने से मना कर दिया था।
CJI पर सवाल उठाने वाले जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, कोई संकट नहीं है :
भारत के प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ ‘‘चयनात्मक’’ तरीके से’ मामलों के आवंटन और कुछ न्यायिक आदेशों को लेकर एक तरह से बगावत करने वाले उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों में से एक न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने आज कहा कि ‘‘कोई संकट नहीं है।’’
न्यायमूर्ति गोगोई एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आये थे। कार्यक्रम के इतर उनसे पूछा गया कि संकट सुलझाने के लिए आगे का क्या रास्ता है, इस पर उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘कोई संकट नहीं है।’’
यह पूछे जाने पर कि उनका कृत्य क्या अनुशासन का उल्लंघन है, गोगोई ने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि ‘‘मुझे लखनऊ के लिए एक उड़ान पकड़नी है। मैं बात नहीं कर सकता।’’ उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश राज्य विधिक सेवा प्राधिकारियों के पूर्वी क्षेत्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आये थे।