नोटबंदी के बाद 104 करोड़ जमा कराने के मामले में बसपा को क्लीनचिट
लखनऊ। नोटबंदी के बाद बैंक खाते में 104 करोड़ जमा कराने के मामले में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को निर्वाचन आयोग की तरफ से क्लीनचिट दे दी गयी है। गौरतलब है कि बीएसपी के द्वारा दिल्ली के करोल बाग स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पार्टी अकाउंट में 02 से 09 दिसंबर 2016 के बीच 104 करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा कराये गए थे।
आयोग ने गत 04 मई के आदेश में बीएसपी द्वारा बताई गयी स्थिति और व्यवहारिक परेशानी को मानते हुए प्रकरण को समाप्त करने का निर्णय लिया. साथ ही बीएसपी को भविष्य में इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के भी निर्देश दिए।
बीएसपी की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया कि पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ये पैसा रैलियों के माध्यम से जमा किया था। इस रकम को बैंक के द्वारा एक साथ जमा करने में असमर्थता जताने के बाद ये पैसा किस्तों में जमा कराया गया था।
बता दें कि बीएसपी की इस जमा राशि के खिलाफ कोर्ट में जाने वाले प्रताप चंद्रा ने अदालत में कहा था कि 08 नवंबर के बाद बसपा ने 104 करोड़ रुपये जमा कराये, जो सीधे-सीधे इन निर्देशों का उल्लंघन है। जिसके बाद कोर्ट ने चुनाव आयोग को तीन महीने के अंदर कार्यवाही के आदेश दिए थे।
याचिका कर्ता की वकील डॉ नूतन ने बताया कि आयोग के दो मार्च के नोटिस पर बसपा ने अपने 12 मार्च को दिये जवाब में स्वीकार किया कि उन्होंने नोटबंदी के बाद 104.36 करोड़ कैश जमा कराया पर साथ ही कहा कि पार्टी का मात्र एक अकाउंट दिल्ली में है।