नितिन गडकरी के इशारे पर हटाया गया हाइवे घोटाला खोलने वाला ईमानदार अफसर

नई दिल्ली। उत्तराखंड में 300 करोड़ के हाइवे घोटाले का पर्दाफाश करने वाले ईमानदार अफसर को हटा दिया गया है। सूत्रों के अनुसार हाइवे घोटाले का खुलासा करने वाले ईमानदार अफसर उत्तराखंड के कुमाऊ मंडल के कमिश्नर सैंथियल पांडियन केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की आँख की किरकिरी बने हुए थे। सूत्रों ने कहा कि गडकरी के निर्देश पर ही उक्त ईमानदार अफसर को हटाया गया है।

सैंथियन द्वारा हाइवे के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान दिए गए मुआवजे में 300 करोड़ के घोटाले का खुलासा करने के बाद ही प्रदेश सरकार ने यह मामला सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था। लेकिन इसी बीच सैंथियन का तबादला कर दिया गया।

बताया जा रहा है कि इस घोटाले में हाइवे का‌ निर्माण करने वाली संस्‍था NHAI के कई अधिकारियों का नाम आने के बाद केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गड़करी नाराज चल रहे थे, वहीं एनएचआईए के चेयरमैन ने भी गड़करी और प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर इस पर नाराजगी जताई थी।

इसका नतीजा ये हुआ कि इतना बड़ा घोटाला सामने आने के बाद जहां दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए थी वहीं उनकी जगह सैंथियन को ही बलि का बकरा बना दिया गया।

गौरतलब है कि इस मामले में 25 मई को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात के अगले ही दिन एनएचएआई के चेयरमैन ने राज्य सरकार को चिट्ठी लिखी थी।

चिट्ठी में मलिक ने कहा कि ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में अथॉरिटी के अधिकारियों का रोल नहीं है और इस बारे में राज्य सरकार कानूनी सलाह ले. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भी नितिन गडकरी से मिलने के बाद कहा था कि इस बारे में उनकी सरकार कानूनी सलाह लेगी।

क्या है मामला :

पश्चिमी उत्तर प्रदेश को उत्तराखंड के कुमाऊं से जोड़ने वाली सड़क एनएच-74 के लिये बड़े पैमाने पर ज़मीन अधिग्रहित की गई. इसमें अनियमिताओं की बात सामने आई और कुमाऊं के कमिश्नर की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने इसकी जांच की।

इस जांच में पाया गया कि कृषि भूमि को नॉन–एग्रीकल्चर लैंड दिखाया गया और मुआवज़े की रकम कई गुना बढ़ाई गई। मुआवज़ा देने का काम अथॉरिटी के ही जिम्मे है। कमेटी की जांच में यह घोटाला 300 करोड़ रुपये से अधिक का है। इस मामले में राज्य के कई अधिकारियों को सस्पेंड किया जा चुका है।

इस साल मार्च में राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस घोटाले की जांच की बात कही और इसे सीबीआई को सौंपने का फैसला किया लेकिन सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की पिछली 5 अप्रैल को उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को लिखी इस चिट्ठी में गडकरी ने लिखा है कि इस कार्रवाई से प्रोजेक्ट के अफसरों के मनोबल पर विपरीत असर पड़ेगा।

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