कर्नाटक तक सुनाई देगी गोरखपुर और फूलपुर के किले ध्वस्त होने की धमक
नई दिल्ली। गोरखपुर में 29 वर्ष पुराना बीजेपी का दुर्ग दहने से बीजेपी चिंतन मोड में आ गयी है। फूलपुर में हुई पराजय को पार्टी दरकिनार कर भी दे तब भी गोरखपुर हाथ से खिसकने की टीस जल्द ठीक होने वाली नहीं है।
कभी फूलपुर और गोरखपुर संसदीय सीटों के उपचुनाव को 2019 का सेमीफाइनल बताने वाले बीजेपी नेता अब अपने बयानों से कल्टी मार रहे हैं। गोरखपुर में मतदान के बाद सीएम योगी ने 2019 में सभी 80 सीटें जीतने का बड़ा दावा भी किया था लेकिन वे अपने संसदीय क्षेत्र रहे गोरखपुर को भी गंवा बैठे।
जानकारों की माने तो उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मिली पराजय के दूरगामी असर देखने को मिल सकते हैं। जो कार्यकर्त्ता बीजेपी को अपराजेय और पीएम मोदी के जादू से चुनाव जीतने की बातें करते थे उन्हें अब इस पर बार बार सोचना होगा।
जानकारों के अनुसार भले ही कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के बीच बड़ी दूरी है लेकिन इसके बावजूद कर्नाटक चुनाव में भी फूलपुर और गोरखपुर में बीजेपी के दुर्ग ध्वस्त होने की धमक सुनाई देगी।
जानकारों के अनुसार भले ही फूलपुर और गोरखपुर में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है लेकिन इसके बावजूद गैर बीजेपी दलों की जीत उसके लिए बड़ा बूस्ट साबित हो सकती है।
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठजोड़ से 2019 के लिए राज्य में एक बड़ा एक्सपेरिमेंट हुआ जो पूरी तरह सफल रहा। इससे 2019 में विपक्ष के गठजोड़ का रास्ता भी बनता दिख रहा है। यह अलग बात है कि इस गठजोड़ में कौन कौन से दल शामिल हों लेकिन फिलहाल गठजोड़ का यह प्रयोग विपक्ष की हिम्मत बढ़ाने वाला साबित होगा।
उत्तर प्रदेश में बीजेपी की करारी हार पर कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़के ने भी बीजेपी पर हमला बोलने में देर नहीं की। चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर जमकर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि ‘सीएम अपने आप को भगवान का अवतार समझ रहे थे और लोग उनके पैर छूते थे। वहीं डिप्टी सीएम मौर्य तो अपने आप को ये समझते हैं कि चंद्रगुप्त मौर्य के बाद मैं ही मौर्य हूं। अंहकार की बात करोगे तो उसका नतीजा ये ही होगा।’