अगर शिवसेना से नही बनी बात तो विधानसभा में धराशाही हो जाएगी बीजेपी सरकार !
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री पद पर 50-50 को लेकर बीजेपी और शिवसेना गठबंधन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दोनों पार्टियों के अड़ियल रवैये को देखकर नहीं लगता कि कोई रास्ता निकलेगा।
फिलहाल यह माना जा रहा है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी को सरकार बनाने का न्यौता देंगे। संवैधानिक दृष्टि से भी देखा जाए तो राज्य में सबसे बड़ी पार्टी को ही सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए।
जैसी की संभावना है यदि बीजेपी शिवसेना के बीच फंसा पेंच नहीं निकला और बीजेपी ने अकेले सरकार बनाने की कवायद शुरू की तो इसके दूरगामी प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। माना जा रहा है कि यदि बीजेपी अकेले दम पर राज्य में सरकार बनाने की पहल करती है तो बीजेपी शिवसेना गठबंधन टूट जाएगा और शिवसेना बीजेपी सरकार को समर्थन नहीं देगी।
दूसरी तरफ बीजेपी को सरकार बनते ही 15 दिनों के अंदर विधानसभा में विश्वास मत हासिल करना पड़ेगा। बीजेपी के पास 105 विधायक हैं जबकि बहुमत साबित करने के लिए उसे 145 सीटों की आवश्यकता होगी। निर्दलीय विधायकों मिलाकर भी बीजेपी बहुमत तक पहुँचती नहीं दिख रही। ऐसे में बीजेपी के लिए किसी अन्य दल में तोड़फोड़ किये बिना 40 विधायकों का समर्थन हासिल करना नामुमकिन सा है।
ऐसे में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों की तादाद बीजेपी से अधिक हो सकती है जिसके चलते सदन में विश्वास मत के दौरान बीजेपी सरकार धराशाही हो सकती है। विधानसभा में शिवसेना के विधायकों की संख्या 56 है वहीँ कांग्रेस के 44 और एनसीपी के 54 विधायक हैं। जिनका टोटल 154 होता है जो सत्ताधारी पार्टी से कहीं अधिक है।
बीजेपी-शिवसेना के बीच पेंच फसने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवसेना राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सम्पर्क में हैं। वहीँ कांग्रेस परदे के पीछे से राजनीति कर रही है। अभी हाल ही में शिवसेना सांसद संजय राउत ने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में एनसीपी के समर्थन से सरकार बनाने के सवाल पर इंकार नहीं किया बल्कि उन्होंने कहा कि राजनीति में सभी विकल्प खुले रहते हैं।
वहीँ अब एनसीपी की तरफ से आये बयान से साफ़ है कि राज्य में सरकार बनाने के लिए शिवसेना को समर्थन देने के लिए शिवसेना और एनसीपी में कोई बातचीत हो चुकी है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने मंगलवार को भाजपा के साथ बैठक रद्द करने के शिवसेना के फैसले पर साफ़ साफ़ कहा कि यदि सदन में विश्वासमत के दौरान शिवसेना फडणवीस सरकार गिरा देती है तो फिर वैकल्पिक सरकार बनाने के बारे में सोचा जा सकता है। तब हम विचार करेंगे कि इस स्थिति में क्या किया जा सकता है।